देने वाला जब भी देता, देता छप्पर फाड़ के अंतरिक्ष से घर में गिरी ऐसी रहस्य में चीज मालामाल हुआ सख्श* जानिए क्या है पूरी सच्चाई

Harjeet Singh
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कहां जाता है कि किस्मत बदलते देर नहीं लगती और देने वाला जब भी देता है तो छप्पर फाड़ कर दे देता है। ऐसा ही कुछ हुआ इंडोनेशिया के कोलांग के रहने वाले जोशुआ होतागालुंग के साथ भी। जिनके घर में अंतरिक्ष से एक पत्थर आकर गिरा।
जिस वक्त यह पत्थर उनके घर पर आकर गिरा उसे वक्त यह घर से बाहर कुछ दूरी पर काम कर रहे थे। यह पत्थर अंतरिक्ष से इतनी तेज गति से धरती पर गिरा कि इससे धरती में 15 सेंटीमीटर का गड्ढा बन गया।

*जानिए क्या था यह पत्थर और कैसे इसने बनाया एक आम शख्स को मालामाल

 

कहते हैं ईश्वर के घर में देर है अंधेर नहीं किसी का अमीर होना गरीब होना तब उसके हाथ में है वह चाहे तो किसी को चंद सेकंड में धरती से फलक पर पहुंचा सकता है।
जिस वक्त अंतरिक्ष से यह रहस्यमई चीज आकर होतागालुंग के घर पर गिरी उसे समय उसे नहीं मालूम था कि यह आम सा दिखने वाला पत्थर आखिर है क्या।
मगर बाद में जांच करने पर जब उसे पता चला तो उसके होश उड़ गए क्योंकि जांच करने पर पता चला कि यह एक उल्का पिंड है जो 4.5 बिलियन साल पुराना है जिसका वजन 2.1 किलोग्राम है
यह बेहद दुर्लभ CM 1/2 कार्बोनेसियस कॉन्ट्राइट है जो की एक विशेष प्रकार का उल्का पिंड होता है। जांच करने पर पता चला कि इसकी कीमत करीब 14 करोड रुपए है।

किसने खरीदा यह है उल्का पिंड?

*क्या किया होतागालुंग ने इस पैसे से?क्या है होतागालुंग का स्वपन?*

स्कूल का पिंड को होतागालुंग से एक विशेषज्ञ ने खरीद लिया है अब करोड़पति बनने के बाद होतागालुंग ने अपनी इच्छा जाहिर की के वह अपनी कम्युनिटी में इस पेज से एक चर्च बनाएंगे इसके लिए उन्होंने दर्शन से बात करते हुए भी कहा कि मुझे हमेशा से एक पुत्री चाहिए थी और वह इस उल्का पिंड को अपने लिए बहुत भाग्यशाली मानते हैं उनका कहना है कि इस उल्का पिंड के आने से मुझे इतना पैसा मिला है तो एक बेटी भी अवश्य मिल ही जाएगी।

क्या किया गया है खरीदने के बाद उल्का पिंड का ?

इंडियन पुलिस के विशेषज्ञ ने उल्का पिंड को खरीदने के बाद अमेरिका भेज दिया है और उल्का पिंड की अन्य तीन टुकड़े भी आसपास ही पाए गए हैं।
अमेरिका के उल्का पिंड विशेषज्ञ जैरेड ने इसका अभी एक ही हिस्सा खरीदा है उन्होंने ऐसा बताया है कि इस तरह के ऑफर्स के लिए उन्हें बहुत बार कांटेक्ट करने की को कोशिश करते हैं और उन्होंने यह भी बताया कि कोरोनावायरस के समय माहवारी के वक्त में वह इस चीज को लेकर काफी असमंजस में थे कि वैज्ञानिकों और कलेक्टर के साथ अमेरिका में काम करें कि वह स्वयं उल्का पिंड को खरीदें।
उन्होंने यह भी बताया कि उल्का पिंड को खरीदने के लिए उन्होंने बहुत साधन इकट्ठा किया और फिर उन्होंने होतागालुंग को ढूंढा और उनसे यह उल्का पिंड खरीद लिया। और अधिक रिसर्च करने के लिए उन्होंने इस उल्का पिंड को अमेरिका भेज दिया है।

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My Name Is Harjeet Singh. I started my blogging in 2017. I write the blog in different languages but my mother language is Hindi so i always prefer to hindi language.
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